Hindi, asked by ask07, 11 months ago

'नेता जी का चश्मा' पाठ में नेताजी की मूर्ति लगाने के कार्य को सफल और सरहानीय प्रयास क्यों बताया गया है? दो कारण बताइये |

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Answered by AbsorbingMan
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Answer:

'नेता जी का चश्मा' पाठ में नेताजी की मूर्ति लगाने के कार्य को सफल और सरहानीय प्रयास बताया गया है। मित्र इस कहानी में एक चौराहे पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगी हुई थी। उस मूर्ति में केवल एक चश्मे की कमी थी। कैप्टन जो कि एक चश्मे बेचने वाला व्यक्ति था, उसके ह्रदय में देशभक्ति की भावना कूट-कूटकर भरी हई थी। नेताजी की चश्माविहीन मूर्ति उसे बहुत कष्ट पहुँचाती थी। इसलिए वह रोजं नए-नए फ्रेम के चश्मे मूर्ति को पहना देता। अंत में जब कैप्टन की मृत्यु हो जाती है, तो छोटे-छोटे बच्चे सरकंडे का बना चश्मा मूर्ति को पहना देते हैं। इससे नई पीढ़ी के अंदर देशभक्तों के प्रति सम्मान को भी उजागर किया गया है।

Answered by Phoenixville
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Answer:

पाठ में नेताजी की मूर्ति लगाने के कार्य को सफल और सरहानीय प्रयास इसलिए बताया गया है क्युकी

1)मूर्ति बहुत ही कमसिन थी

2)उसे देखकर नेताजी के कार्यों की याद आने लगती थी जैसे दिल्ली चलो तुम मुझे खून दो आदि

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