नेता जी की मूर्तिपर लगे चश्मे के प्रति पानवाले और हलदार साहब के दृष्टिकोण में क्या अंतर
था?
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हालदार साहब को नेताजी से बहुत प्रेम था , और वे उनकी बहुत इज़्ज़त करते थे l वे अपने प्रिय नेता जी की मूर्ती को बिना चशमे के नहीं देख सकते थे l लेकिन पानवाले के लिए नेताजी की मूर्ती पर चश्मे के होने या न होने पर कोई फर्क नहीं पड़ता था l
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