Hindi, asked by tejasvdubey26, 6 months ago

नैतिक शिक्षा पर निबंध​

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Answered by vermadarsh8948
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नैतिक शिक्षा पर निबंध

आज मानवीय जीवन की नैतिक शिक्षा का होना ही समाज सुधार की प्रथम सीढ़ी है। नैतिक शिक्षा की समाज में बहुत ही अहम् भूमिका है। आज अगर देखा जाए तो मानवीय जीवन सिर्फ और सिर्फ अपने जीवन को सुधारने में ही लगा रहता है। जिसके लिए वो तरह तरह की शिक्षाए ग्रहण करता है। नैतिक शिक्षा भी मानव जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है। क्युकी जीवन में नैतिक मूल्यों का होना जीवन का प्रथम लक्ष्य होना चाहिए। शिक्षा मानव को पशुओं से अलग बनाती है, क्युकी शिक्षा ही हमें बताती है की हमें जीवन में कैसे आगे बढ़ना है और समाज में हमें इन आदर्शो के साथ सम्बन्ध स्थापित करके अपने जीवन को सुखमय बनाना है।

आज की शिक्षा की पद्धति -

भारतीय समाज में शिक्षा भारत की संस्कृति से विमुख होकर अब अंग्रेजी सभय्ता की तरफ जा रही है। प्राइवेट विद्यालय में अंग्रेजी भाषा को सबसे बड़ा ज्ञान समझा जाता है। जबकि उस ज्ञान का हमारे सामाजिक रहन सहन से कोई लेना देना नहीं होता है। नैतिक शिक्षा का अर्थ होता है कि बच्चे की शारीरिक, मानसिक और नैतिक शक्तियों का सर्वतोन्मुखी विकास हो।

प्राचीन शिक्षा पद्धति :

प्राचीन काल में भारत को संसार का गुरु कहा जाता था। भारत को प्राचीन समय में सोने की चिड़िया कहा जाता था। प्राचीन समय में ऋषियों और विचारकों ने यह घोषणा की थी कि शिक्षा मनुष्य वृत्तियों के विकास के लिए बहुत आवश्यक है। शिक्षा से मानव की बुद्धि परिष्कृत और परिमार्जित होती है।

शिक्षा से मनुष्य में सत्य और असत्य का विवेक जागता है। भारतीय शिक्षा का उद्देश्य मानव को पूर्ण ज्ञान करवाना, उसे ज्ञान के प्रकाश की ओर आगे करना और उसमें संस्कारों को जगाना होता है। प्राचीन शिक्षा पद्धति में नैतिक शिक्षा का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है।

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