Hindi, asked by noobanujnoob, 5 months ago

नैतिक तिक्षा सेअतिप्राय उन मूल्यों, गुणयोंऔर आस्थाओोंकी तिक्षा सेहै,तिन पर मानव की तनिी और समाि

की सववश्रेष्ठ समृद्धि तनिवर करिी हैI नैतिक तिक्षा व्यद्धि के आिोंररक सद् गुणयोंकय तवकतसि एवों सोंपुष्ट करिी है,

क्योंतक व्यद्धि समतष्ट का ही एक अोंि है, सद् गुणयोंके तवकास का अथवहै–“समग्र समाि का सुसभ्य एवों

सुसोंस्कृ ि हयना I”पोंतिि मदन मयहन मालवीय के अनुसार “नैतिकिा मनुष्य की उन्नति का मूल आधार हैI

नैतिकिा तवहीन मनुष्य पिुसेिी तनम्न हैI नैतिकिा एक व्यापक गुण हैI”नैतिक तिक्षा सेछात्र-छात्राओोंमेंतवश्व-

बोंधुत्व की िावनाकय िागृि तकया िा सकिा हैI हरबर्वनेउच्चिर तवचारयोंके सृिन एवों तनम्न प्रवृतिययोंके दमन

कय नैतिकिा कहा हैI

प्रश्न 1 “ नैतिकिा मनुष्य की उन्नति का मूलाधार है” तकसनेकहा है?

(क)गााँधीिी (ख) हरबर्व (ग) मदन मयहन मालवीय (घ) राधाकृ ष्णन

प्रश्न -2 नैतिक तिक्षा सेकौनसी िावना िागृि की िा सकिी है?

(क) सदगुण (ख) तवश्व-बोंधुत्व (ग) तनम्न प्रवृति (घ) असभ्यिा

प्रश्न -3 नैतिक तिक्षा सेतकन गुणयोंकय तवकतसि नही तकया िा सकिा है?

(क)आत्म-सोंयम (ख) सतहष्णुिा (ग) अनुिासनहीनिा (घ) परयपकार

प्रश्न -4 हरबर्वके अनुसार नैतिकिा क्ा है?

(क) उच्चिर तवचारयोंका सृिन एवों तनम्न प्रवृतिययोंका दमन (ख) उच्चिर तवचारयोंका सृिन एवों तनम्न

प्रवृतिययोंका बढ़ावा (ग) सतहष्णुिा और तनम्न प्रवृतिययोंका दमन (घ) तवश्व-बोंधुत्व

प्रश्न-5 नैतिकिा तवहीन मानव तकसके समान है?

(क) सोंि के समान (ख) पिुके समान (ग) वैज्ञातनक के समान (घ) सभ्य के समान​

Answers

Answered by rapennagesh07
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Answer:

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