नैतिकता एवं आध्यात्मिक में अंतर स्पष्ट करें ।
Answers
Answer:
बहुत से लोग आध्यात्मिकता का मतलब अच्छा व्यवहार और आचरण समझ लेते हैं। तो क्या नैतिकता ही आध्यात्मिकता है? या दोनों अलग हैं?
प्रश्न: सद्गुरु, कुछ लोग आध्यात्मिकता को जीवन से अलग रखते हैं? ऐसा क्यों है? क्या सिर्फ ध्यान करते समय ही जागरूकता जरूरी है?
सद्गुरु : अगर आपकी आध्यात्मिकता समय से बंधी है - सुबह पांच से सात या किसी और समय तक सीमित है, तो आप सिर्फ आध्यात्मिक होने की कोशिश कर रहे हैं, आप आध्यात्मिक नहीं हैं।
आध्यात्मिक होने के बारे में आपकी राय क्या है? अगर आपका यह मानना है कि आध्यात्मिक होने का मतलब हर किसी से अच्छी तरह बात करना है, तो आप गलत हैं। अगर कोई अपनी समझदारी, अपनी संवेदनशीलता, अपने अनुभव के कारण जीवन के विभिन्न पहलुओं के साथ अलग-अलग तरीके से पेश आ रहा है, अगर उसे पता है कि किसी नन्हे बच्चे, किसी भैंस, किसी पहाड़, एक बस ड्राइवर से कैसे पेश आना है, और इस ज्ञान की वजह उसकी जागरूकता है, तो यह बहुत अच्छी बात है। जीवन को ऐसा ही होना चाहिए।
Answer:
lo apke answer ko hmne like kr diya