(ङ) तुलसीदास अपने मन-मंदिर में किन्हें विहार करने के लिए कह रहे हैं?
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तुलसीदास जी कहते हैं कि ऐसे बालक राम की रूप छवि यदि किसी संसारी मनुष्य के मन में नहीं बसती है तो उसका संसार में जीना व्यर्थ है। ... तुलसीदास जी कहते हैं कि राजा दशरथ के ये चारों बालक तुलसी के मनरूपी मन्दिर में सदैव विहार करते रहें। कहने का भाव यह है कि तुलसी सदैव उनका ही स्मरण करते रहें।
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तुलसीदास जी के मन मंदिर में सदैव राम का बाल रूप विहार करता है|
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