Hindi, asked by vishalsaw2601sths, 3 months ago

नीति– नवनीत का कुए एक दुहा लखें:​

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Answered by BTSARMYvminkook
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Answer:

आज की दुनिया में लोगों के अंदर प्रेम भावना कम होती जा रही है तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जो अपने घमंड में इतने चूर रहते हैं कि उन्हें लगता है कि वह प्यार भी बाजार में खरीद लेंगे ऐसे लोगों के लिए कवि ने इस दोहे में बड़ी सीख दी है –

Explanation:

दोहा:

प्रेम न बाड़ी ऊपजै, प्रेम न हाट बिकाय।

राजा परजा जेहि रूचै, सीस देइ ले जाय।।

दोहे का अर्थ:

इस दोहे में कवि कहते हैं कि प्रेम खेत में नहीं पैदा होता है और न ही प्रेम बाज़ार में बिकता है। चाहे कोई राजा हो या फिर कोई साधारण आदमी सभी को प्यार आत्म बलिदान से ही मिलता है, क्योंकि त्याग और बलिदान के बिना प्रेम को नहीं पाया जा सकता है। प्रेम गहन- सघन भावना है – खरीदी बेचे जाने वाली वस्तु नहीं है!

Answered by lovinglavisha
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नीति– नवनीत का कुए एक दुहा लखें:

कबीरा खड़ा बाजार में, मांगे सबकी खैर

ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर l

धीरे धीरे रे मना ,धीरे सब कुछ होय

माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय ll

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