नात्सी जर्मन में युवाओं की स्थिति केैसी थी????
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नात्सी जर्मनी में युवाओं की स्थिति...
14 साल की उम्र में जर्मन लड़कों को हिटलर के नाजी युवा संगठन ‘हिटलर यूथ’ का सदस्य बनना पड़ता था।
14 वर्ष की आयु से पहले इन लड़कों को 10 वर्ष की आयु में 'युंगफोक' नामक संगठन में प्रवेश कराया जाता था, जो कि 10 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों का नाजी संगठन होता था।
14 वर्ष से कम आयु के जो बच्चे ‘युंगफोक’ नामक संगठन के सदस्य होते थे, वे 14 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद ‘हिटलर यूथ’ यानी ‘नाजी यूथ लीग’ का सदस्य बनते थे, जहां पर उन्हें युद्ध की पूजा, हिंसा, आक्रामकता, लोकतंत्र की निंदा, यहूदियों से घृणा, कम्युनिस्टों, जिप्सी तथा कई अन्य प्रकार के समुदायों से घृणा करना सिखाया जाता था। उनके अंदर हिटलर के प्रति वफादारी तथा नाजी राष्ट्रवाद की भावना भरी जाती थी। इस यूथ लीग में 18 वर्ष की आयु तक बच्चे यह सभी बातें सीखते बाद में वे 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद लेबर सर्विस में शामिल हो जाते हैं और उन्हें जर्मन सेना में काम करना पड़ता।
यह संगठन हिटलर का युवा संगठन था। जहाँ पर इन नवयुवकों को युद्ध लड़ने का कौशल सिखाया जाता, इन्हें आक्रामकता होने व नाजी होकर गौरवान्वित होने का शिक्षा दी जाती थी।यहाँ पर इन्हें लोकतंत्र की बुराई करने की ट्रेनिंग दी जाती थी। इसी संगठन में इन्हें यहूदियों, कम्युनिस्टों, जिप्सी कई तरह के समुदाय के लोगों के प्रति घृणा करने की शिक्षा भी दी जाती थी। यह लड़के लोग 4 साल तक इन्हीं सब बातों की ट्रेनिंग लेते और 18 साल की आयु में लेबर सर्विस में शामिल हो जाते जहां उन्हें जर्मन सेना में काम करना पड़ता और किसी नाजी संगठन की सदस्यता भी लेनी पड़ती थी।
#SPJ3
नात्सी जर्मनी में युवाओं की स्थिति...
साल की उम्र में जर्मन लड़कों को हिटलर के नाजी युवा संगठन ‘हिटलर यूथ’ का सदस्य बनना पड़ता था।
वर्ष की आयु से पहले इन लड़कों को वर्ष की आयु में 'युंगफोक' नामक संगठन में प्रवेश कराया जाता था, जो कि से वर्ष की आयु के बच्चों का नाजी संगठन होता था।
वर्ष से कम आयु के जो बच्चे ‘युंगफोक’ नामक संगठन के सदस्य होते थे, वे वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद ‘हिटलर यूथ’ यानी ‘नाजी यूथ लीग’ का सदस्य बनते थे, जहां पर उन्हें युद्ध की पूजा, हिंसा, आक्रामकता, लोकतंत्र की निंदा, यहूदियों से घृणा, कम्युनिस्टों, जिप्सी तथा कई अन्य प्रकार के समुदायों से घृणा करना सिखाया जाता था। उनके अंदर हिटलर के प्रति वफादारी तथा नाजी राष्ट्रवाद की भावना भरी जाती थी। इस यूथ लीग में वर्ष की आयु तक बच्चे यह सभी बातें सीखते बाद में वे 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद लेबर सर्विस में शामिल हो जाते हैं और उन्हें जर्मन सेना में काम करना पड़ता।
यह संगठन हिटलर का युवा संगठन था। जहाँ पर इन नवयुवकों को युद्ध लड़ने का कौशल सिखाया जाता, इन्हें आक्रामकता होने व नाजी होकर गौरवान्वित होने का शिक्षा दी जाती थी।यहाँ पर इन्हें लोकतंत्र की बुराई करने की ट्रेनिंग दी जाती थी। इसी संगठन में इन्हें यहूदियों, कम्युनिस्टों, जिप्सी कई तरह के समुदाय के लोगों के प्रति घृणा करने की शिक्षा भी दी जाती थी। यह लड़के लोग 4 साल तक इन्हीं सब बातों की ट्रेनिंग लेते और साल की आयु में लेबर सर्विस में शामिल हो जाते जहां उन्हें जर्मन सेना में काम करना पड़ता और किसी नाजी संगठन की सदस्यता भी लेनी पड़ती थी।
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