History, asked by harpreetsaini461, 11 months ago

नात्सी सोच के खास पहलू कौन-से थे ?

Answers

Answered by Sidyandex
79

According to Hitler, as essential land surface is required for the growth of the living organisms, similarly, a state too needs to expand its surface area for fulfilling the requirements of the citizens.

This would consequently increase the land surface of the motherland as well and it would not affect the sentiments of the German dwellers also.

Answered by nikitasingh79
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उत्तर :  

नात्सी सोच के खास पहलू निम्नलिखित थे :  

(क) जाति श्रेष्ठता अथवा कट्टर राष्ट्रवाद की भावना :  

नात्सीवाद जातीय श्रेष्ठता की भावना से प्रेरित था। हिटलर का मानना था कि जर्मनी के लोग शुद्ध आर्य वंश के हैं और उनका वंश विश्व में सबसे श्रेष्ठ है।इसलिए पूरे विश्व पर राज करने का नैतिक अधिकार केवल जर्मन लोगों को ही प्राप्त है। परंतु इसके लिए जर्मन वासियों में एकता का होना अनिवार्य है। अतः जर्मन लोगों को चाहिए कि वे अपने द्वारा हथियाए गए सभी प्रदेश जर्मन सत्ता को सौंप दें।

(ख) यहूदियों का विरोध :  

हिटलर यहूदियों का कट्टर विरोधी था। उसका कहना था कि वह स्वार्थी तथा धन के लोभी हैं। उनके मन में जर्मनी के प्रति कोई प्रेम नहीं है। उन्हीं के कारण ही जर्मनी को प्रथम विश्व युद्ध में पराजय का मुंह देखना पड़ा। इसलिए हिटलर तथा उसका नात्सीवाद यहूदियों का समूल नाश कर देना चाहता था।

(ग) साम्यवाद तथा लोकतंत्र का विरोध :  

नात्सीवाद साम्यवाद तथा लोकतंत्र का घोर विरोधी था। हिटलर का मत था कि साम्यवादी विचारधारा जर्मनी की प्रगति में बाधक है। अतः साम्यवाद को जर्मनी से जड़ से उखाड़ फेंकना होगा। हिटलर को लोकतंत्र से भी चिढ़ थी। उसका विश्वास था कि सामान्य जनता के प्रतिनिधि देश के हित संबंधी निर्णय शीघ्रता से नहीं ले सकते क्योंकि इस कार्य के लिए उनमें बौद्धिक क्षमता का अभाव होता है।लोकतंत्र की अपेक्षा एक प्रभावशाली व्यक्ति के हाथों में केंद्रीय सत्ता को सौंंपना देश के लिए विशेष हितकर है।

(घ) सैन्यवाद :  

हिटलर जर्मनी के साथ वर्साय संधि में हुए अपमान का बदला लेना चाहता था और देश की प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित करना चाहता था। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए जर्मनी का सैनिक रूप से शक्तिशाली होना अनिवार्य था। इसलिए हिटलर ने सैन्यवाद को बढ़ावा दिया।

(ड़) तानाशाही शासन :

हिटलर का मानना था कि शासन तानाशाही होना चाहिए। ऐसे शासन का विरोध करने वालों के साथ कठोरता का व्यवहार किया जाए।

सच तो यह है कि हिटलर का नात्सीवाद जर्मन लोगों की वाशिंक  श्रेष्टता, यहूदियों का समूल विनाश , साम्यवाद एवं लोकतंत्र का विरोध , सैन्यवाद आदि तत्वों पर आधारित था।

आशा है कि उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

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