'नित सिंधु झूमता है 'पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
Answers
Answered by
0
Explanation:
नीचे चरण तले झुक, नित सिंधु झूमता है। जगमग छटा निराली पग-पग छहर रही है। वह पुण्य भूमि मेरी, वह स्वर्ण भूमि मेरी। प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने भारत भूमि की विशेषताओं का गुणगान किया है।
Similar questions