नीतिश्लोकाः
पाठः
नास्ति लोभसमो व्याधिः, नास्ति क्रोधसमोरिपुः ।
नास्ति दारिद्र्यवद् दुःखं, नास्ति ज्ञानात्परं सुखम् ।। ka arath bataiye
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लोभ के सामने कोई दूसरा रोग नहीं है क्रोध के सामने कोई शत्रु नहीं है दरिद्रता के सामने कोई दु:आ नहीं है ज्ञान से बड़ा कोई सुख नहीं है
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