World Languages, asked by apurvamankotia1, 8 months ago

नित्य कर्म किसे कहते हैं​

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Answered by anjulatajena
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Explanation:

प्रतिदिन किया जानेवाला प्रात्य्ह्रक कर्म नित्यकर्म कहलाता है। इसके अनुसार एक प्रात:काल से दूसरे प्रातःकाल तक शास्त्रोक्त रीति से, दिन-रात के अष्टयामों के आठ यामार्ध कृत्यों यथा- ब्राह्म मुहूर्त में निद्रात्याग, देव, द्विज और ऋषि स्मरण, शौचादि से निवृत्ति, वेदाभ्यास, यज्ञ, भोजन, अध्ययन, लोककार्य आदि- को करना चाहिए।

प्रतिदिन किया जानेवाला प्रात्य्ह्रक कर्म नित्यकर्म कहलाता है। इसके अनुसार एक प्रात:काल से दूसरे प्रातःकाल तक शास्त्रोक्त रीति से, दिन-रात के अष्टयामों के आठ यामार्ध कृत्यों यथा- ब्राह्म मुहूर्त में निद्रात्याग, देव, द्विज और ऋषि स्मरण, शौचादि से निवृत्ति, वेदाभ्यास, यज्ञ, भोजन, अध्ययन, लोककार्य आदि- को करना चाहिए।मीमांसकों ने द्विविध कर्म कहे हैं - अर्थकर्म और गुणकर्म। इनमें अर्थकर्म के तीन भेद हैं - नित्यकर्म, नैमित्तिक कर्म और काम्यकर्म। गृहस्थों के लिए इन तीनों को करने का निर्देश है। इनमें प्रथम कर्म नित्यकर्म है जिसके अंतर्गत पंचयज्ञादि आते हैं। अग्निहोत्र आदि ब्राह्मणों के नित्यकर्म हैं। इन्हें करने से मनुष्य के प्रति दिन के पापों का क्षय होता है। जो इस कर्तव्य को नहीं निवाहता वह शास्त्र के अनुसार पाप का भागी होकर पतित और निंद्य हो जाता है।

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Answered by tapasya490
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Answer:

नित्य कर्म प्रतिदिन किए जाने वाले कर्म को कहते हैं

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