Hindi, asked by sk264097, 5 months ago

नाट्य मंडल के स्वरूप का वर्णन​

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Answered by jfupk0038egmailcom
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नाट्य के प्रमुख अंग चार हैं - वाचिक, सात्विक, आंगिक और आहार्य। उक्ति-प्रत्युक्ति की यथावत् अनुकृति वाचिक अभिनय का विषय है। भावों का यथावत् प्रदर्शन सात्विक अभिनय है। भावप्रदर्शन के लिए हाथ, पैर, नेत्र, भ्रू, एवं कटि, मुख, मस्तक आदि अंगों की विविध चेष्टाओं की अनुकृति आंगिक अभिनय है।

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