Hindi, asked by sujalmagdum1008, 8 months ago

नाटक
को
में अच्छे प्रदर्शन के बाद मित्र से हुई बातचीत
5-60 शब्दो में लिया।
लगमग संवाद​

Answers

Answered by sudat760
0

Answer:

मित्र

आपका उत्तर इस प्रकार है।

पताः ................

दिनांक: .............

प्रिय विकास,

बहुत प्यार!

तुम्हारी कुशलता की कामना करता हूँ। हमारे मित्र गोविंद से पता चला कि तुम नुक्कड़ नाटक की तैयारी कर रहे हो। यहाँ, मैं तुम्हें अपने साथ हुई एक घटना का ब्यौरा देना चाहता हूँ। पिछले वर्ष विद्यालय के नाटक में मैं अपना संवाद ही भूल गया था। बड़ी विचित्र स्थिति उत्पन्न हो गई थी। फिर मैंने अपना आपा नहीं खोया। स्थिति पर अपना नियंत्रण फिर से बनाया और भूले हुए संवाद को छोड़कर किसी तरह से स्थिति को सामान्य बनाया।

आशा करता हूँ कि तुम नुक्कड़ नाटक की तैयारी ध्यान से करोगे। संवाद भूलने की स्थिति में धैर्य से काम लोगे। मैं पत्र समाप्त करता हूँ। सबको मेरा प्रणाम कहना।

तुम्हारा मित्र,

विनय

Answered by renukumari15003
2

अंश

आज मैंने एक नाटक को देखा है

आशु

अरे वाह तुमने नाटक देखा है मुझे भी बताओ उसमें क्या हुआ था

अंश

उस नाटक में एक बिजली का खंबा एक कौवा और एक पेड़ और एक पोस्ट बॉक्स

अंशु ने यह यह पूरा नाटक बताया जो यह था

अंश

इस नाटक में यह हुआ था कि वह 4 बात कर रहे थे वही खंबा कौवा पेड़ और पोस्ट बॉक्स लोग बात कर रहे थे कि अगली बारिश में हमें कौन-कौन सी समस्याएं झेलनी पड़ती है ऐसे करते-करते बहुत देर हो गई फिर उसके बाद उनके मुंह से एक बात निकली फिर उनके मुंह से यह बात निकली कि आजकल हम देखते हैं जो लोग को वह बहुत ही छोरियां करते हैं तो यही बात हो ही रही थी कि तुरंत एक एक आदमी दिखाओ उसने एक बच्ची को बेहोश कर दिया था और वह बच्ची करीब 5 साल की थी वह इतनी छोटी थी कि उसे कुछ याद नहीं था कि वह कहां रहती है क्या करती है क्या करती है यह सब तो यह देखकर उन्होंने सोचा कि यह कुछ चोर जैसा लग रहा है तो फिर उन्होंने देखा कि उसे तो भूख लगी है उस चोर को तो हो गया खाना की खोज में तो वह जब खाने की खोज में गया तो तभी वह पेड़ खंबा कौवा और लेटर बॉक्स वह सब उस लड़की के पास गए और फिर उन्होंने उस लड़की को उड़ते हुए देखा तो वो लोग अपनी एक असली रूप मतलब एक जगह खड़े हो गए ताकि लगे कि वह जीते नहीं है वह तभी लेटर पक्ष ने कहा कि मैं तो जा रहा हूं उस लड़की से पता पूछ ले तो फिर सारे लोगों ने कहा अच्छा तुम जाओ फिर हम जाते हैं फिर उसके बाद जब वह गया लेटर बॉक्स तो फिर वहां पर उसने पूछा बहुत सवाल पर वह बता नहीं पा रही थी कि वह कहां की है कहां से है तो इसलिए उसने सोचा कि बहुत छोटी है तो क्या यह किसी को बता नहीं सकेगी कि हमें हम लोग कर देख भी सकते हैं सुन भी सकते हैं तो सब लोग अपने खुद के स्थिति में आ गए हैं जो खड़े हो सकते थे सब दिखा दिया कि हम खड़े हो सकते हैं सब कर सकते हैं हम तो यह देखकर लड़की थोड़ा चौकी फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा कि आप लोग तो खड़े बोल कुछ नहीं सकते तो आप लोग अभी यह कैसे कर रहे हैं तो फिर वह बोले कि हम लोग बस दिखावा करते हैं पर हम लोग सब कर सकते हैं जो इंसान कर सकते हैं फिर उसके बाद वह कहती हैं कि आप लोग हैं तो फिर मैं यहां से आई हूं तू बोल तो फिर वह लोग कुछ नहीं बताते हैं कि मैं वह कहां से आई एम उसे पता चल जाता है कि वह कहां से आई है कैसे आई है उसे छोड़ने उठा कर लाया है तू यही बात उसे जब शाम पता चलती है वह रोने लगती है तो फिर उसके बाद वह सोचने लगती है कि मैं अब घर कैसे जाऊं गी तो फिर वह ऐसे करते करते उसने कहा कि मुझे मेरे घर जाना है तो फिर उसके बाद वह रोने लगी तो फिर सब ने उसे फंसाया और फिर वह हंस के उनके साथ खेलने लगी फिर सब ने देखा कि अरे वह चोर तो आ गया खाना खा कर फिर उसके बाद सब अपनी जगह पर आ गया और वह बच्ची छुप गई फिर उसके बाद जब वह छुट्टी तो उस चोर को नहीं मिली तो फिर यह तो उस लड़की ही को पता था कि सारे पेड़ खंबा कौवा सब बोल सकते तो फिर सब ने इन सब को यह पता था पर चोर को नहीं पता था और बाकी सब को तो उसने सोचा कि चलो हम कुछ आइडिया लगाते हैं तो जब उन्होंने उनको एक आईडी आया और उन्होंने सोचा कि चलो हम भूत भूत चिल्लाते हैं तो भूत भूत चिल्लाने से सारे मोहल्ले वाले आ जाएंगे रोड पर जिससे वह चोर भाग जाएगा और और और यह बात सबको अच्छी लगी तो उन्होंने उस सब भूत भूत चिल्लाना शुरू कर दिया फिर समझ नहीं आया उस चोर को कि आखिर बोल कौन रहे भूत भूत भूत भूत तो फिर उसके बाद उसने देखा कि धीरे-धीरे मोहल्ले वाले आ रहे हैं अपने घर से बाहर तो उसने क्या किया अपने घर फिर मोहल्ले वाले सोचने लगे कौन भूत भूत चिल्लाया तो फिर उसके बाद वह लोग भी चलेगा अपने घर फिर उसके बाद धीरे-धीरे सब चलकर अपने घर और फिर बची वह सब बच्चे और लड़की बची तो वह लड़की अब कहीं छुप गई थी अब वह मिल नहीं रही थी तो सारे लोगों को लगा किशोर के हाथ में वह लड़की पकड़ा गई तो उसने यह सोच कर बहुत दुखी हूं सब दुखी हूं मैं फिर उसके बाद धीरे-धीरे कुछ छोटी-छोटी आवाज आई कि मुझे ढूंढो तो फिर उनको यह विश्वास हो गया कि वह बच्ची हमारे साथ ही है पर कहां है वह नहीं पता तो फिर वह लोग क्या किया उन्होंने बोला कोई नाटक बनाएं कि हमें दर्द हो रहा है तो वह लड़की बाहर आ गई अब नहीं किया होता तो फिर आप तो मुझे भूल ही नहीं पाते फिर उसके बाद उन्होंने उन्हें मिल गई उसके बाद सोचते हैं कि अरे अगर हम इसे ऐसी रखेंगे तो फिर इसका ख्याल पानी वानी कॉल आएगा तो इसके लिए उसे अपने परिवार के पास जाना पड़ेगा इसीलिए उन्होंने सोचा कि हम एक लगाते हैं तो फिर वहां पर जब सुबह हुई तो फिर सारे लोग बोलने लगे सारे पेड़ कव्वाम सब बोलने लगे कि पापा खो गए पापा खो गए तो इससे यह होता कि पापा खो गए बोलने से वह बच्ची के पैरेंट्स भी मिल जाते हो और वह भी अपने परिवार से मिल लेती ऐसे ही अगर वह बोलती तो फिर कोई उस पर ध्यान देता और फिर उसके फैमिली का उसके परिवार का पता लगाता तो आईडिया से वह अपने फैमिली के पास पहुंच गई तो इस तरह से उस पूरे नाटक का नाम रखा है पापा खो गए

आशु

अरे वाह यह तो बहुत अच्छी कहानी है

अंश

तुम्हें पसंद आई बहुत अच्छा अब हम चलते हैं बाय बाय

hope it is helpful

not sure it is nice

thanks

take care of yourself and your family

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