Hindi, asked by devisingh51650, 6 hours ago

नाटक के तत्व लिखते हुए संवाद को समझाइए​

Answers

Answered by SreesadhaPraveen
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Answer:

संवाद नाटक में नाटकार के पास अपनी और से कहने का अवकाश नहीं रहता। वह संवादों द्वारा ही वस्तु का उदघाटन तथा पात्रों के चरित्र का विकास करता है। अतः इसके संवाद सरल , सुबोध , स्वभाविक तथा पात्रअनुकूल होने चाहिए।

Answered by crkavya123
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Answer:

नाटकीय संवाद एक प्रमुख घटक है। पात्रों द्वारा कहे गए शब्दों को संवाद कहा जाता है। नाटक में बातचीत स्पष्ट, सीधे शब्दों में लिखी जानी चाहिए जिसे दर्शक आसानी से समझ सकें। श्रोतागण प्रवचन को समझ सकें, इसके लिए बहुत अधिक गंभीरता या जटिलता नहीं होनी चाहिए।

Explanation:

नाटक के तत्व  

  • कथावस्तु
  • पात्र एवं चरित्र-चित्रण
  • संवाद
  • अभिनय
  • देशकाल व वातावरण
  • भाषा शैली
  • उद्देश्य

नाटकीय संवाद: नाटकीय संवाद एक महत्वपूर्ण घटक है। पात्रों द्वारा कहे गए शब्दों को संवाद कहा जाता है।

  • नाटक में बातचीत स्पष्ट, सीधे शब्दों में लिखी जानी चाहिए जिसे दर्शक आसानी से समझ सकें।
  • श्रोतागण प्रवचन को समझ सकें, इसके लिए बहुत अधिक गंभीरता या जटिलता नहीं होनी चाहिए।
  • बातचीत को इस तरह लिखा जाना चाहिए कि दर्शक इसे बिना किसी कठिनाई के समझ सकें।
  • संवाद में पात्र और विषय परिस्थितियों के लिए स्वीकार्य होने चाहिए।

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