'नाटक-लेखन' में संवाद तत्व की कोई तीन विशेषताएँ लिखिए। class 12th
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✎... किसी में नाटक में संवाद तत्व उस नाटक का प्राण तत्व होता है। नाटक लेखन में संवाद तत्व की तीन विशेषताएं इस प्रकार हैं...
- संवाद के माध्यम से लेखक अपनी बात कह सकने में अधिक सक्षम होता है। वह पात्रों द्वारा बोले जाने वाले संवाद के माध्यम से अपने विचारों को प्रकट करता है।
- संवाद नाटक को प्रवाहमय बनाते हैं और दर्शकों अथवा पाठकों की रुचि नाटक में बनी रहती है।
- संवाद के माध्यम से गंभीर, दार्शनिक एवं गूढ़ बातों को भी सरल भाषा में कह कर उसे आम दर्शक को या पाठकों को समझाया जा सकता है।
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Explanation:
किसी में नाटक में संवाद तत्व उस नाटक का प्राण तत्व होता है। नाटक लेखन में संवाद तत्व की तीन विशेषताएं इस प्रकार हैं...
संवाद के माध्यम से लेखक अपनी बात कह सकने में अधिक सक्षम होता है। वह पात्रों द्वारा बोले जाने वाले संवाद के माध्यम से अपने विचारों को प्रकट करता है।
संवाद नाटक को प्रवाहमय बनाते हैं और दर्शकों अथवा पाठकों की रुचि नाटक में बनी रहती है।
संवाद के माध्यम से गंभीर, दार्शनिक एवं गूढ़ बातों को भी सरल भाषा में कह कर उसे आम दर्शक को या पाठकों को समझाया जा सकता है।
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