नाटक लेखन में संवाद तत्व की कोई तीन विशेषताएं
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नाटक लेखन' में संवाद तत्व की कोई तीन विशेषताएँ लिखिए ।
किसी में नाटक में संवाद तत्व उस नाटक का प्राण तत्व होता है। नाटक लेखन में संवाद तत्व की तीन विशेषताएं इस प्रकार हैं...
संवाद के माध्यम से लेखक अपनी बात कह सकने में अधिक सक्षम होता है। वह पात्रों द्वारा बोले जाने वाले संवाद के माध्यम से अपने विचारों को प्रकट
करता है।
संवाद नाटक को प्रवाहमय बनाते हैं और दर्शकों अथवा पाठकों की रुचि नाटक में बनी रहती है ।
संवाद के माध्यम से गंभीर, दार्शनिक एवं गूढ़ बातों को भी सरल भाषा में कह कर उसे आम दर्शक को या पाठकों को समझाया जा सकता है।
2 कहानी लेखन में चरित्र चित्रण के महत्व के त बिन्दुओं (विशेषताओं पर प्रकाश डालिए ।
कहानी लेख में चरित्र-चित्रण के महत्व के तीन बिंदु (विशेषता) इस प्रकार हैं...
कहानी में पात्रों का चरित्र चित्रण पात्रों की अभिरुचि को प्रदर्शित करता है।
•कहानी के पात्रों के चरित्र चित्रण के माध्यम से पूरी कहानी की विषय-वस्तु स्पष्ट होती है । पात्रों के चरित्र चित्रण के द्वारा कहानी में वर्णित
•नैतिक-अनैतिक बातों को भी स्पष्ट किया जाता है।