नाटक-लेखन' में संवाद तत्व की कोई तीन विशेषताएँ लिखिए।
Answers
Answered by
1
Answer:
आज हम नाटक के तत्व पढ़ेंगे और हर एक तत्वों को उदाहरण सहित विस्तार में समझेंगे।
‘ नाटक ‘ अथवा ‘ दृश्य काव्य ‘ साहित्य की अत्यंत प्राचीन विधा है। संस्कृत साहित्य में इसे ‘ रूपक ‘ नाम भी दिया गया है।
नाटक का अर्थ है ‘ नट ‘ |
कार्य अनवीकरण में कुशल व्यक्ति संबंध रखने के कारण ही विधा में नाटक कहलाते हैं।
वस्तुतः नाटक , साहित्य की वह विधा है , जिसकी सफलता का परीक्षण रंगमंच पर होता है। किंतु रंगमंच युग विशेष की जनरुचि और तत्कालीन आर्थिक व्यवस्था पर निर्भर होता है इसलिए समय के साथ नाटक के स्वरुप में भी परिवर्तन होता है।
Answered by
0
Answer:
I don't know in case you
Similar questions