नाटक लेखन में संवाद तत्व की तीन विशेषताएं लिखिए। हिंदी में बता
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संवाद –
●नाटक में नाटकार के पास अपनी और से कहने का अवकाश नहीं रहता।
●वह संवादों द्वारा ही वस्तु का उद्घाटन तथा पात्रों के चरित्र का विकास करता है।
●अतः इसके संवाद सरल , सुबोध , स्वभाविक तथा पात्रअनुकूल होने चाहिए।
●गंभीर दार्शनिक विषयों से इसकी अनुभूति में बाधा होती है।●इसलिए इनका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
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