Hindi, asked by nightx392, 17 days ago

नाटक में कथानक और संवाद का विशेष योगदान होता है​

Answers

Answered by somyaranjann868
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Answer:

इसके विपरीत कथानक (चाहे वह महाकाव्य की हो अथवा खंडकाव्य, नाटक, उपन्यास या लोकगाथा की हो) का वह तत्त्व है जो उसमें वर्णित कालक्रम से श्रृंखलित घटनाओं की धुरी बनकर उन्हें संगति देता है और कथा की समस्त घटनाएँ जिसके चारों और ताने बाने की तरह बुनी जाकर बढ़ती और विकसित होती हैं। ... '-कथानक है।

Answered by pihupandit25511
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Answer:

नाटक में नाटकार के पास अपनी और से कहने का अवकाश नहीं रहता। वह संवादों द्वारा ही वस्तु का उद्घाटन तथा पात्रों के चरित्र का विकास करता है। अतः इसके संवाद सरल , सुबोध , स्वभाविक तथा पात्रअनुकूल होने चाहिए। गंभीर दार्शनिक विषयों से इसकी अनुभूति में बाधा होती है।

Explanation:

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