Art, asked by garadmanisha07, 5 months ago

नाटकातील प्रकाश योजनेचे महत्व​

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Answered by jaideeps71002
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Answer:

काव्य-नाटक में काव्य-तत्त्व और नाटक-तत्त्व का समन्वय होता है।

अनुभूतियों का नाटकीय प्रकाशन होता है।

बहिर्जगत को अधिक महत्त्व नहीं दिया जाता।

विषय-वस्तु काव्यात्मक एवं नाटकीय होती है।

रूप विधान पूर्णरूप से काव्यात्मक एवं नाटकीय होता है।

काव्यात्मक विषय-वस्तु अभिनय होती है।

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