नाद रीझि तन देत मृग , नर घन हेत समेत ।
ते रहिम पशु से अधिक , रीझेहु कछ न देत ।।
What's the meaning of this दोहा ?
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हीम कहते हैं कि संगीत की तान पर रीझकर हिरन शिकार हो जाता है। उसी तरह मनुष्य भी प्रेम के वशीभूत होकर अपना तन, मन और धन न्यौछावर कर देता है लेकिन वह लोग पशु से भी बदतर हैं जो किसी से खुशी तो पाते हैं पर उसे देते कुछ नहीं है
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