नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।
ते रहीम पशु से अधिक, रीझेहु कछु न देत
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नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत। ते रहीम पशु से अधिक, रीझेहु कछू न देत।। संगीत की मधुर ध्वनि से प्रभावित होकर हिरण अपने प्राण तक न्योछावर कर देता है। ... परन्तु वे मनुष्य तो पशु से भी अधिक जड़ है जो किसी पर रीझकर भी उसे कुछ नहीं देते।
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नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत। ते रहीम पशु से अधिक, रीझेहु कछू न देत।। संगीत की मधुर ध्वनि से प्रभावित होकर हिरण अपने प्राण तक न्योछावर कर देता है। इसी प्रकार किसी की कला पर मोहित होकर मनुष्य उस पर प्रेम-सहित धन अर्पित कर देता है।
Explanation:
hi army
myself Kartik
i am in class 8
my age is 13
i am from Lucknow
may I know that who are you?
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