Hindi, asked by dhruwsantosh781, 7 months ago

नींदों से झांक रहे होंगे यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है दिन जल्दी जल्दी ढलता है उपर्युक्त पंक्तियों में निहित भाव सौंदर्य एवं शिल्प सौंदर्य को लिखिए​

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Answered by Anonymous
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Explanation:

भाव-सौंदर्य - जीवन को पूरी ऊर्जा से जीनेवाले कवि हरिवंश राय बच्चन ने प्रस्तुत गीत में जीवन को एक यात्रा पथ माना है | इसमें कवि ने रात्रि के आगमन से पूर्व मन में उठनेवाली इच्छाओं एवं आशंकाओं को सहज व मार्मिक शैली में व्यक्त किया है |

शिल्प सौंदर्य

भाषा- मानक हिंदी (खड़ी बोली) | सरल एवं जीवंत भाषा|

शैली- गेय |

छंद- तेरह पंक्तियों का गीत | गेय पद |

अलंकार-

1.अनुप्रास (मुझसे मिलने)

2.पुनरुक्ति प्रकाश (जल्दी-जल्दी)

3.प्रश्नालंकार (मुझसे मिलने को कौन विकल ?आदि)

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