निदेश:-
1. इस प्रश्न-पत्र में तीन खण्ड हैं
2. सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है
3. सभी प्रश्नों के उत्तर यथा संभव क्रमशः लिखिए
क, ख एवं ग
खण्ड-"क"
1.निम्न गद्यांश को पढ़कर उत्तर दीजिए।
"जो व्यक्ति सद्गुण संपन्न होते हैं सदारी होते हैं, जनहित ही जिनके जीवन का लक्ष होता है। वे
महान पुरूष होते हैं, महात्मा होते हैं। दुष्टों के निरन्तर संसर्ग और संपर्क में रहते हुए भी उनके चरित्र
और स्वभाव पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। उनके स्वभाव में कोई विकृति नहीं आ पाती। वे चंदन की
भाँति दुष्प्रवृतियों के बीच रहते हुए भी समाज के संतापों को अपनी शीतलता से हटाते रहते हैं। अपने
गुणों की सुगंध से वातावरण को पवित्र बनाए रहते हैं। वे दुष्टों के प्रति निस्संग और निर्लिप्त रहकर भी
अपना कार्य करते रहते हैं। संगति का गुप्त प्रभाव हमारे आचरण पर बड़ा भारी पड़ता है, यह उक्ति
समान्य व्यक्तियों के लिए कही गई है। चंदन जैसे व्यक्तित्व और चरित्र वाले दृढ़ और उदात्र स्वभाव
वाले महापुरूषों पर यह लागू नहीं होता। वे लोग कुसंगति के प्रभाव से बहुत ऊपर उठ चुके होते हैं,
वह प्रभाव अन्हें छू भी नहीं पाता है। यहां एक बात और ध्यान देने योग्य है, वह यह कि चंदन का वृक्ष
अपने अंगों से लिपटे हुए विषधरों के प्रति कभी कोई कटु प्रतिक्रिया नहीं करता, उसी तरह वे महान
लोग भी दुष्टों के प्रति कोई घृणा, द्वेष या लाक्रोष व्यक्त नहीं करते और न ही वे उन्हें दंड देने की
चेष्टा करते हैं।"
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1.निम्न गद्यांश के उत्तर इस प्रकार है:
अष्टाध्यायी में कोन सा समास है :
अष्टाध्यायी में दिगु समास होता है|
व्यक्तिगत का विलोम शब्द क्या है
सामाजिक
संगति का प्रभाव मनुष्य पर कैसा पड़ता है ?
संगति का हमारे जीवन में बहुत प्रभाव पड़ता है| हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम किस संगति को अपनाते है| अच्छी संगति हमें सफलता की और लेकर जाती है पर बुरी संगति हमें असफलता की और लेकर जाती है|
आपके विचार से एक सम्पन्न व्यक्तित्व कैसे होता है|
सम्पन्न व्यक्तित्व सद्गुण और सदाचारी होते है| जनहित ही उनके जीवन का लक्ष्य होता है| वह हमेशा दूसरों का भला करते है|
प्रस्तुत गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक
संगति का प्रभाव
दुष्ट वह द्वेष के विपरीत शब्द
दुष्ट का विलोम सज्जन
द्वेष का विलोम सद्भावना
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सभी कृति प्रशन हल करना अनिवार्य है
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