निदेश: दिए गए प्रश्नों का निदशानुसार हल काजिए
Instruction :-Please attempt the questions as per given instructions.
प्रश्न 1. मुगलकालीन कृषि इतिहास लिखने में “आइन-ए-अकबरी” को स्त्रोत के रुप में
इस्तेमाल करने में कौन-कौन सी समस्याएं है? अंक-3 शब्दसीमा 50-75
Q. 1
What are the problems in using "Ain-e-Akbari" as a source for
writing Mughal agricultural history?
प्रश्न 2. कृषक समाज में सामाजिक व आर्थिक संबंधो को प्रभावित करने में मुगलकालीन
जाति व्यवस्था किस हद तक एक कारक थी? अंक-3 शब्दसीमा 50-75
Q.2
To what extent was there on influence economic relations in Mughal
peasant society?
प्रश्न 3. मुगलकालीन भारत में "जमींदारों की भूमिका पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए?
अंक-6 शब्दसीमा 150-200
Q.3 Write a short article on the role of "Zamindars" in Mughal India?
प्रश्न 4.
अकबर की भूमि बंदोबस्त प्रणाली का मूल्यांकन करते हुए मुगलकालीन भू-राजस्व
प्रणाली का वर्णन कीजिए?
अंक-8 शब्दसीमा 250-300
Q. 4 Describe the "Mughal era" land revenue system while evaluating
"Akbars" land settlement system?
Answers
सारे प्रश्नों के उत्तर एक प्रश्न में दिये जाने संभव नही है, एक प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है...
O मुगलकालीन कृषि इतिहास लिखने में आईन-ए-अकबरी को स्रोत के रूप में इस्तेमाल करने में कौन-कौन सी समस्या है?
► मुगलकालीन का कृषि इतिहास लिखने के लिए आईन-ए-अकबरी को स्रोत के रूप में इस्तेमाल करने में अनेक समस्याएं प्रकट होती हैं। जैसे...
- आईन-ए-अकबरी में कृषि इतिहास के संबंध में जो भी संख्यात्मक आंकड़े दिए गए हैं, उनमें विषमतायें पाई जाती हैं। आईने-अकबरी में जिन आंकड़ों का वर्णन किया गया है, वह मुगलकाल के हर प्रांत यानि सूबे से एक ही रूप में नहीं एकत्रित किए गए। जैसे कि कई सूबों से जमींदार जाति के मुताबिक सूचनाएं एकत्रित की गई तो सूबों जैसे बंगाल और उड़ीसा के लिए इस तरह की सूचनाएं नहीं हैं।
- सूबो के राजकोष से संबंधित आंकड़े तो विस्तार से दिए गए हैं, लेकिन उन्हीं सूबों के कीमतों और मजदूरी दरों जैसे महत्वपूर्ण आंकड़ें विस्तृत ढंग से नहीं बताए गए हैं। कीमतों और मजदूरों की दरों से संबंधित जो भी सूचनाएं आईने अकबरी में दी गई हैं, वह मुगलकालीन राजधानी आगरा और उसके आसपास के इलाकों के आधार पर दी गई है। इससे स्पष्ट होता है कि पूरे देश के संदर्भ में इन आंकड़ों की प्रासंगिकता सही नहीं बैठती।
अतः आईन-ए-अकबरी में आंकड़ों से संबंधित इस प्रकार की विषमताओं से मुगलकालीन इतिहास लिखने में आईने अकबरी को स्रोत के रूप में इस्तेमाल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
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It is not possible to answer all the questions in one question, the answer to one question is as follows…
O What is the problem in using Ain-e-Akbari as a source for writing Mughal agricultural history?
► Many problems appear in using Ain-e-Akbari as a source for writing the agricultural history of the Mughal period. like...
- Ain-e-Akbari, there are discrepancies in whatever numerical figures are given regarding agricultural history. The figures described in Ain-e-Akbari were not collected in the same form from every province of the Mughal period i.e. the province. As such information was collected according to the zamindar caste from many states, there is no such information for the states like Bengal and Orissa.
- The statistics related to the treasury of the Subo are given in detail, but important figures like prices and wage rates of the same state are not detailed. All the information related to the prices and rates of laborers are given in the mirror Akbari, based on the Mughal capital Agra and its surrounding areas. This shows that the relevance of these figures in the context of the entire country does not fit.
Thus, such anomalies related to the figures in the Ain-e-Akbari, face difficulties in using Ain-e-Akbari as a source for writing Mughal history.
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