नंद वंश तक मगध के उत्थान की विवेचना कीजिए गिव आंसर
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उन्होंने एक ऐसी सेना तैयार कि जिसका उपयोग परवर्ती मगध राजाओं ने विदेशी आक्रमणकारियों को रोकने तथा भारतीय सीमा में अपने राज्य का विस्तार करने में किया। नंद राजाओं के समय में मगध राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत शक्तिशाली तथा आर्थिक दृष्टि से अत्यंत समृद्धशाली साम्राज्य बन गया था।
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Explanation:
- चक्रवर्ती सम्राट महापद्मनंद ने निकटवर्ती सभी राजवंशो को जीतकर एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की एवं केंद्रीय शासन की व्यवस्था लागू की। इसीलिए सम्राट महापदम नंद को "केंद्रीय शासन पद्धति का जनक" कहा जाता है।
- भारतीय इतिहास में पहली बार महापद्मनंद ने मगध देश में एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की जिसकी सीमाएं गंगा घाटी के मैदानों का अतिक्रमण कर गई. नंद वंश में कुल 9 राजा हुए संभवत : इस कारण भी वंश को नंद वंश कहा जाता है.
- यह घटना 344 ईसापूर्व की है। इस महापद्मनंद के नाम से ही इस पूरे राजवंश को नन्द वंश कहा जाता है। इस वंश के अंतिम राजा धननंद को ही अपदस्थ कर चन्द्रगुप्त मौर्य ने मौर्य राजवंश की स्थापना की थी।
- उन्होंने एक ऐसी सेना तैयार कि जिसका उपयोग परवर्ती मगध राजाओं ने विदेशी आक्रमणकारियों को रोकने तथा भारतीय सीमा में अपने राज्य का विस्तार करने में किया। नंद राजाओं के समय में मगध राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत शक्तिशाली तथा आर्थिक दृष्टि से अत्यंत समृद्धशाली साम्राज्य बन गया था।
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