ज़िन्दगी के तूफानों का साहिल है दोस्ती,
दिल के अरमानों की मंज़िल है दोस्ती,
ज़िन्दगी भी बन जाएगी अपनी तो जन्नत,
अगर मौत आने तक साथ दे दोस्ती।
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Explanation:
कैसे मुमकिन था किसी दवा से इलाज़ ग़ालिब।
इश्क का रोग था माँ की चप्पल से ही आराम आया
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