“निंदक नेडा राखिये” का आशय है-
(1 Point)
निंदक को दूर रखना चाहिए।
निंदक से सर्तक रहना चाहिए।
निंदक को अपने निकट रखना चाहिए।
Answers
Answered by
5
Answer:“निंदक नेडा राखिये” का आशय है-
निंदक को अपने निकट रखना चाहिए।
यह दोहा कबीरदासजी का है - इसका तात्पर्य है कि मनुष्य निंदक ( निंदा करनेवाला )को हमेशा अपने समीप ही रखे ,जिस प्रकार कुटिया के आँगन में शीतल छाँव हेतु पेड़ लगाया जाता है |
वस्तुत: मनुष्य अपनी कमियाँ और दोष नहीं देख पाता है | ऐसे में निंदक के निकट रहने पर बिना पानी बिना साबुन के हमारा स्वभाव निर्मल बन सकता हैं | अर्थात हमारा निंदक यदि पास में रहे तो उसके द्वारा हमारा सतत विश्लेषण (गुण -दोष विवेचन )होते रहता है जिससे हमें सुधरने का मौका हाथ लग जाता है |अतएव निंदक को सदा अपने निकट रखना चाहिए।
Answered by
0
Answer:
C - निंदक को अपने निकट रखना चाहिए
Similar questions