'निंदक नियरे राखिए' इस पंक्ति के बारे
में अपने विचार लिखिए।
Answers
Answered by
9
Explanation:
यह कबीर दास जी का दोहा है इसका अर्थ है की व्यक्ति को अपनी निंदा करने वाले को हमेशा अपने पास रखना चाहिए क्योंकि निंदा सुनकर ही हमारे अंदर स्वयं को निर्मल करने का विचार आ सकता है और यह निर्मलता पाने के लिए हमें किसी भी वस्तु की आवश्यकता नही होगी।
hope it's helpful to you dear
digvijaykshirsagar33:
thank you
Similar questions
Accountancy,
2 months ago
English,
2 months ago
Social Sciences,
2 months ago
Math,
4 months ago
Math,
4 months ago
Hindi,
11 months ago
English,
11 months ago