Hindi, asked by nagendrakumar54901, 1 month ago

नीिे ददए गए चित्र के आधार पर एक संक्षिप्त अनुच्छेद मलखखए​

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Answered by manishadhiman31
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पिंजरे के पक्षी |

इस पृथ्वी पर सभी जीवो को प्रकृति ने आजाद पैदा किया है लेकिन मानव ने हमेशा से ही दूसरों को कैद करना सीखा है। मानव स्वयं मानव को कैद करते समय जरा नहीं हिचकिचाया तो वह पशु पक्षियों पर क्या को कैद करते समय क्या ही सोचेगा। मनुष्य ने सदियों से पक्षियों को कैद कर के पिंजरे में रखने का एक रिवाज़ बना रखा है

एक पिंजरे में कैद पक्षी का दर्द केवल एक ऐसा व्यक्ति समझ सकता है जिससे उसकी आजादी छीन ली गई हो और उसे मनोरंजन का साधन बनाया गया हो। पिंजरे में कैद पक्षियों का जीवन जीवन नहीं होता वह सदैव दुखी रहते हैं और इसी कामना में अपना दम तोड़ देते हैं कि शायद वह कभी खुले आसमान में उड़ पाते।

पिंजरे में पक्षी खुले आसमान में उड़ान नहीं भर सकते, नदी-झरनों का बहता जल नहीं पी सकते, कड़वी निबौरियाँ नहीं खा सकते, फुदक नहीं सकते, अपने पंख नहीं फैला सकते, अनार के दानों रूपी तारों को चुग नहीं सकते। ... पक्षी मनुष्यों से चाहते हैं कि उसे स्वतंत्र होकर उड़ान भरने दें।

पक्षी के पास पिंजरे के अंदर वे सारी सुख सुविधाएँ है जो एक सुखी जीवन जीने के लिए आवश्यक होती हैं, परन्तु हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते क्योंकि उन्हें बंधन नहीं अपितु स्वतंत्रता पसंद है।

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