Hindi, asked by venkytalawar95, 2 months ago

नीड़ का निर्माण फिर-फिर
नेह का आहवान फिर-फिर ।
वह उठी आधी कि नभ में
छा गया सहसा अधेरा,
धूलि, धूसर बादलों ने
भूमि को इस भाति घेरा
रात सा दिन हो गया फिर
रात
आई और काली।
लग रहा था अब न होगा
इस निशा का फिर सवेरा
रात के उत्पाद-भय से
भीत जन -जन भीत कण-कण
किंतु प्राची से उषा की
माहिनी मस्कान फिर-फिर​

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Answered by ayushsin17439
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What your question.

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