'नीड़ का तृण-तृण समर्पित' का क्या आशय है? plz answer my question too fast I need it because of my exam.
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कवि कहता है कि भारत माता के चरणों |में मेरा मन अर्पित है, प्राण भी अर्पित हैं और मेरे रक्त को प्रत्येक कण समर्पित है। अर्थात् मैं भारत की खातिर अपना जीवन समर्पित करने को सहर्ष उद्यत हूँ। नीड़ का तृण-तृण समर्पित। ... कवि रामावतार त्यागी 'समर्पण' कविता की इन पंक्तियों में कहते हैं कि हे भारतमाता ।
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