नीड़ न दो, चाहे टहनी का
आश्रय छिन्न-भिन्न कर डालो,
लेकिन पंख दिए हैं तो
आकुल उड़ान में विध्न न डालो।
प्र0 (क) उपर्युक्त पद्यांश में पक्षियों क्या चाहत है?
प्र0 (ख) घोसला न मिलने पर भी पक्षी कैसे खुश रहेंगे?
प्र0 (ग) 'आकुल उड़ान' शब्द से क्या तात्पर्य है?
प्र0 (घ) पक्षी मनुष्य से क्या अनुनय करते हैं?
प्र0 (ड.) पक्षियों की किस प्रकार खुशी प्रदान की जा सकती है?
Answers
Answered by
0
Answer:
sorry I don't know this language but if I had known this I would have surely helped you
Similar questions