(ङ) उससे बैठा नहीं जाता।
(कर्तृवाच्य)
(च) हमसे पाठ पढ़ा गया।
(कर्तृवाच्य)
(छ) प्रेमचंद ने कहानियाँ लिखीं।
(कर्मवाच्य)
(ज) वह सुन नहीं पाता।
(भाववाच्य)दिए गए वाक्यो को निर्देशानुसार लिखे
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Answer:कर्तृवाच्य
क्रिया के उस रूपान्तर को कर्तृवाच्य कहते हैं, जिससे वाक्य में कर्ता की प्रधानता का बोध हो। सरल शब्दों में, क्रिया के जिस रूप में कर्ता प्रधान हो, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।
उदाहरण
रमेश केला खाता है।
दिनेश पुस्तक नहीं पढता है।
उक्त वाक्यों में कर्ता प्रधान है तथा उन्हीं के लिए 'खाता है' तथा 'पढ़ता है' क्रियाओं का विधान हुआ है, इसलिए यहाँ कर्तृवाच्य है। कर्तृवाच्य में कर्ता विभक्ति रहित होता है और यदि विभक्ति हो तो वहां केवल ' ने ' विभक्ति का ही प्रयोग होता है। जैसे - रमेश ने केला खाया।
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