नाव गर्व से सर उठा कर नदी की लहरों पर दौडली चली जाती है.और पानी उसका जयकार करता हआ उसे अपने हायों पर उठाए रहता है किन्तु जब नाव
डूबती है तो अपने ही छोटे से छेद के कारण जो धीरे-धीरे कब हो गया वह जान ही नहीं पाती और छंद हो जाने पर वहीं पानी उसे खींच कर डुबो देता है. व्यक्ति
भी जब डूबता है तो अपने ही किसी छेद के कारण-छेद के कारण जिसे उसने मामूली सा समझ कर अनदेखा कर दिया था. हर विपति हम पर तभी हावी
होती है, टोले पड़ जाते हैं. यदि हम प्रतिदिन सजग होकर इस बात पर दृष्टि दौड ओते रहे कि हमारे प्रयासों में कहीं कोई कमी तो नहीं रह गई. पराजित नहीं
कर सकता. अपनी कल को कायर और निकम्मे लोग याद करके पछताते रहते. जहाँ हम कल खड़े ये वही खड़े रहना अपराध है. जो कुछ और जिस रूप में
हमने कोई काम कल किया था, उससे कहीं बेहतर करने का संकल्प और प्रयत्न करना हमारा धर्म होना चाहिए
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hii
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ಕನ್ನಡ ಅಲ್ಲಿ ೪೯ ಅಕ್ಷರಗಳು ಇವೆ
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ok i knw the hindi but not coming to type
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