न विश्वसेदविश्वस्ते विश्वस्ते नाति विश्वसेत्।
विश्वासाद् भयमुत्पन्नं मूलान्यपि निकृन्तति।।१।। श्लोक का हिंदी अर्थ बताइए
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- है और उन्हें क्रांति की आवश्यकता के प्रति जागरूक बनाता है।
- निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए
- 1. गद्यांश में 'शुतुरमुर्ग' की संज्ञा किसे दी गई है?
- (i) लेखक, जो संसार को समझना चाहता है।
- (ii) राजनीतिज्ञ, जो अपने स्वार्थ साधना चाहता है।
- (iii) पाठक, जो सपनों की दुनिया में रहना चाहता है।
- (iv) नौकरशाह, जो दूसरों जैसा बनने को होड़ में शामिल है।
- 2. आधुनिकता की दिशा में सुयोजित प्रयास क्यों होने चाहिए?
- (i) इससे जीवन सुगम हो जाएगा तथा मानव प्रकृति का आनंद ले सकेगा।
- (ii) नई समस्याओं को जन्म लेने के पहले ही रोका जा सकेगा|
- (iii) आधुनिक होने की प्रक्रिया सदा से मानव सभ्यता का अंग रही है।
- (iv) इससे विज्ञान सरल हो अधिक मानव कल्याणी हो सकेगा।
- 3. 'नक़द फ़सल के लिए बढ़ता हुआ पागलपन' से क्या तात्पर्य है?
- (i) लोग तुरंत व अधिक से अधिक लाभ कमाना चाहते हैं।
- (ii) लोग प्रकृति को समय नहीं देना चाहते हैं।
- (iii) लोग थके हुए हैं पर विश्राम नहीं करना चाहते।
- (iv) लोग भौतिकतावादी तथा अमीर लोगों की नकल करना चाहते हैं।
- 4. पाठक साहित्य से आमतौर पर क्या अपेक्षा रखते हैं?
- (i) साहित्य को हमारे मन की बात कहनी चाहिए।
- (ii) साहित्य को संसार को यथावत समझना चाहिए।
- (iii) साहित्य तनाव कम होने वाला होना चाहिए।
- (iv) साहित्य को जीवन कौशलों व मूल्यों की शिक्षा देनी चाहिए।
- 5. लेखक के अनुसार साहित्य क्या कार्य करने के लिए प्रेरित करता है?
- (i) लोगों को यथार्थ से अवगत करा बदलाव के लिए।
- (ii) लोगों को जीवन की समस्याओं को भुला आगे बढ़ते जाने के लिए।
- (iii) लोगों को यथार्थवाद का विध्वंस करने के लिए।
- (iv) लोगों को भावनाओं व ऐन्द्रिक सुख से ऊपर उठ कार्य करने के लिए।
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