निविदा लेखन में किन बातों का ध्यान रखा जाता है
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निविदा लेखन में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाता है:-
(1) निविदा प्रपत्र का मूल्य.
(2) प्रस्तावित कार्य का विवरण
(3) कार्य पूरा करने की अवधि
(4) निविदा प्रपत्र के साथ जमा कराई जाने वाली धरोहर धनराशि
(5) निविदा प्रपत्र प्राप्त करने की अन्तिम तारीख एवं समय
(6) निविदा जमा करने की अन्तिम तारीख और समय
(7) निविदा खुलने की तारीख और समय
(8) उस अधिकारी का नाम जिसके सामने निविदाएँ खोली जाएँगी
(9) निविदाओं को खोलने के समय उपस्थित रह सकने वाले व्यक्तियों/पर्यवेक्षकों के नाम/ब्यौरा.
(10) यह स्पष्ट रूप से लिखा जाता है कि विक्रय के पश्चात् न तो निविदा प्रपत्र वापस किया जा सकता है, न तो उसका पूरा या आंशिक मूल्य किसी रूप में वापस किया जाएगा और न उस प्रपत्र का प्रयोग किसी आगामी/अन्य टेण्डर नोटिस के संदर्भ में किया जा सकेगा
(11) धरोहर धनराशि को जमा करने की विधि-धनराशि नकद, चैक द्वारा, बैंक ड्राफ्ट द्वारा, एफ. डी. आर./सी. आर. के रूप में स्वीकार की जाएगी |आलेखक यह सुविधा भी दे देते हैं कि धरोहर धनराशि डाकघर बचत, पास बुक, किसान विकास पत्र, रा. जमा पत्र आदि के रूप में भी स्वीकार किए जा सकते हैं.
(12) सक्षम अधिकारी को यह अधिकार होगा कि वह कारण बताए बिना ही किसी विशेष निविदा को अपना समस्त निविदाओं को निरस्त कर सकता है.
(13) किसी-किसी टेण्डर-नोटिस में इस आशय का भी उल्लेख रहता है कि सक्षम अधिकारी निविदा के कार्य को एक से अधिक ठेकेदारों के मध्य विभाजित कर सकता है.
(14) कभी-कभी ठेकेदारों के निवास/आवास क्षेत्र को सीमित कर दिया जाता है अर्थात् यह प्रतिबन्ध लगा दिया जाता है कि ठेकेदार क्षेत्र विशेष के ही निवासी हों.
(15) सामान्यतः निविदा के लिए उन्हीं ठेकेदारों को अधिकृत माना जाता है जो टेण्डर नोटिस जारी करने वाले कार्यालय में पंजीकृत हों. परन्तु कभी कभी कुछ अन्य कार्यालयों में भी पंजीकृत ठेकेदारों को अधिकृत कर दिया जाता है.