"नियोजित और अनियोजित माल-सूची संचय में क्या अंतर है? किसी फर्म की माल-सूची और मूल्यवर्धित
के बीच संबंध बताइए।
Answers
Explanation:
both are different to each other
नियोजित और अनियोजित माल-सूची संचय में क्या अंतर-
नियोजित माल - इसका अर्थ स्टॉक में उस परिवर्तन से है जो नियोजित ढंग से होता है | नियोजित माल समावेश की स्थिति में फर्म को अपना माल बढ़ाने के लिए योजना करनी होगी |
अनियोजित माल - इसका अभिप्राय स्टॉक में उस परिवर्तन से है जो बिना अपेक्षा के हो जाता है | अनियोजित माल समावेश की स्थिति में विक्रय में अनपेक्षित कमी होने के कारण फर्म को बिका माल संग्रहित करना पड़ेगा
माल सूची में परिवर्तन नियोजित अथवा अनियोजित हो सकता है बिक्री में अप्रत्याशित गिरावट की स्थिति में फर्म के पास
वस्तुओं का बचा स्टॉक होगा | जिसके बारे में वह कल्पना भी नहीं कर सकता है | अतः माल-सूची का अनियोजित संचय होगा |
इसके विपरीत जहाँ बिक्री में अप्रत्यशित वृद्धि होगी,वहां माल-सूची में अनियोजित अपसंचय होगा | जैसे कोई फर्म १००० शर्ट बेचने की आशा करता है , और 100 शर्ट वर्ष के अंत में माल सूची में रखना चाहती है लेकिन वर्ष के अंत में केवल 600 शर्ट बिक पाती है और 400 शर्ट बच जाती है | अर्थात वर्ष के अंत में फर्म के पास 400+100 =500 शर्ट्स है |
सकल मूलयवृद्धि=फर्म द्वारा विक्रय मूल्य +स्टॉक में परिवर्तन
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