न्यूक्लियोटाइड और निकलो साइड में अंतर स्पष्ट करें biology questions
Answers
Answer:
न्यूक्लियोसाइड : एक नाइट्रोजनी क्षार व शर्करा के मध्य N ग्लाइकोसिडिक बंध के बनने से बनी इकाई न्यूक्लियोसाइड कहलाती है।
न्यूक्लियोसाइड = शर्करा + नाइट्रोजनी क्षार
न्यूक्लियोसाइड में शर्करा का C-1 पिरिमिडीन क्षार के N-1 के साथ एवं फ्यूरीन क्षार के N-9 के साथ जुड़ता हैं।
डीएनए व RNA प्रत्येक में 4-4 भिन्न प्रकार के न्यूक्लियोसाइड होते है।
जैसे : β-D-2 डी ऑक्सी राइबोज एवं एडिनीन नाइट्रोजनी क्षार के संयोग से बने न्यूक्लियोसाइड को एडिनोसिन कहते है
न्यूक्लियोटाइड (nucleotide): फॉस्फोरिक अम्ल एवं न्यूक्लियोसाइड के संयोजन से न्यूक्लियोटाइड बनता है।
न्यूक्लियोटाइड = न्यूक्लियोसाइड + फॉस्फोरिक अम्ल
फास्फोरिक अम्ल एवं न्यूक्लियोसाइड के मध्य फास्फो एस्टर बन्ध बनता है , जिसमे फॉस्फोरिक अम्ल शर्करा के C-5′ या C-3′ से जुड़ सकता हैं।
राइबोज शर्करा में फॉस्फोरिक अम्ल C-2′ से भी जुड़ सकता है।
शर्करा फॉस्फेट समूह के जुड़ने के स्थान के आधार पर इन न्यूक्लियोटाइडो को क्रमशः 5′-P , 3′-OH या 3′-P , 5′-OH न्यूक्लियोटाइड कहा जाता है।
एडिनोसिन एवं फास्फोरिक अम्ल के संयोजन से बने न्यूक्लियोटाइड को एडिनोसीन मोनो फॉस्फेट (AMP) कहते है ,
न्यूक्लियोटाइड जैविक तंत्र में ऊर्जा संचय का कार्य करते है।
जैसे एडिनोसीन ट्राई फॉस्फेट (ATP)