नियुक्ति करण का संबंध किससे है
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अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति हेतु घटना के घटित होने की तिथि से नियुक्ति के लिए पात्र व्यक्ति को दी जाने वाली सामान्य समय-सीमा 5 वर्ष है।
अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति हेतु सक्षम प्राधिकारी द्वारा 5 वर्ष की अवधि में छूट दी जा सकती है, बशर्ते की निम्नलिखित बातें शामिल हों -
1. मृत्यु की तारीख से यह मामला 25 वर्ष से अधिक समय का नहीं होना चाहिए।
2. मृतक कर्मचारी की विधवा/विधुर पुनर्विवाहित न हो।
3. अनुकंपा के आधार पर दी जाने वाली नियुक्ति किसी भी समय, परिवार के किसी अन्य सदस्य को नहीं दी गई हो ।
4. केस की परिस्थितियों के अनुसार, पांच वर्ष की समय-सीमा की छूट अनिवार्य है।
अनुकंपा के आधार पर रोज़गार का प्रस्ताव देना कोई सामान्य बात नहीं है। अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के अनुरोध पर विचार करते समय मृतक के परिवार की वित्तीय स्थिति को भी ध्यान में रखा जाता है क्योंकि अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने का उद्देश्य शोक-संतप्त परिवार को वित्तीय संकट से उभारने के लिए तुरंत वित्तीय सहायता देना है। प्रशासन के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह अनुकंपा के आधार पर दी जाने वाली नियुक्ति उम्मीदवार की शैक्षिक योग्यता या मृतक कर्मचारी की हैसियत के आधार पर दें।
आंशिक रूप से चिकित्सीय विकोटिकृत कर्मचारी, जो सवैच्छिक सेवानिवृत्ति पाना चाहते हों, के मामलों में उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए योग्य ग्रुप डी श्रेणियों पर विचार किया जा सकता है। उन कर्मचारियों के संबंध में, जिन्हें आंशिक रूप से उस समय विकोटिकृत घोषित किया गया हो जब उनकी सेवाएं 5 वर्ष या उससे अधिक हों, के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी।
अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए भूतपूर्व कर्मचारी के बच्चों/पत्नी द्वारा आवेदित आवेदन पत्र में दी गई शैक्षिक योग्यता पर ही विचार किया जाएगा।
नैमेतिक मजदूर के संबंध में, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने पर विचार नहीं किया जाएगा। तथापि, महाप्रबंधक अपने विवेकाधिकारों का प्रयोग करते हुए ऐसे नैमेतिक मजदूरों के पात्र बच्चों को, जिन्हें अस्थाई तौर पर लगाया गया हो, की मृत्यु के पश्चात् अनुकंपा के आधार पर नैमेतिक मजदूर(नया चेहरा/एवजी) के रूप में नियुक्ति दे सकते हैं या यदि किसी नैमेतिक मजदूर की मृत्यु ड्यूटी के दौरान एक्सीडेंट से हो जाती है तो उसकी पात्रता को देखते हुए उसे नैमेतिक क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 के अंतर्गत क्षतिपूर्ति दी गई हो।
सामान्यत: अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पाने वाले व्यक्तियों पर पद तथा ग्रेड से संबंधित पात्रता की सभी शर्ते लागू की जाएं तथा उन्हें निर्धारित आयु तथा शैक्षिक योग्यता पूरी करनी होगी। तथापि, ऊपरी आयु-सीमा में छूट केसों की योग्यता के आधार पर की जा सकती है। सरकारी नौकरी में नियुक्ति के लिए निम्नतम आयु-सीमा 18 वर्ष है, इस संबंध में एक वर्ष की छूट के लिए महाप्रबंधक का अनुमोदन अपेक्षित है। निम्नतम आयु-सीमा में एक वर्ष से कम के लिए छूट हेतु रेल मंत्रालय की मंजूरी अत्यावश्यक है।
ग्रुप ’ सी ’ तथा ’ डी ’ के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता मैट्रिक परीक्षा है। तथापि, एक विधवा/पत्नी के संबंध में निर्धारित योग्यता पूरी न कर पाने की स्थिति में रू. 1800/- ग्रेड पे सहित पे- बैंड -। में नियुक्ति दी जा सकती है, बशर्तें , कि नियुक्ति प्राधिकारी इस बात से सन्तुष्ट हो कि (वह अपने पद पर) , थोड़ी ट्रेनिंग की सहायता से वह अपने पद से संबंधित ड्यूटी निभा सकती है । कर्मचारी के बच्चों की शैक्षिक योग्यता अपेक्षित न पाई जाने पर उन्हें ट्रेनी के रूप में IS पे स्केल में नियुक्ति दी जा सकती है, बशर्तें कि, वे- 5 वर्षो के भीतर अपनी न्यूनतम शैक्षिक योग्यता प्राप्त कर लेंगे, जैसा कि आर बी ई न. 102 /2012 में परिभाषित किया गया है।
ग्रुप ’ सी ’ पदो के लिए उपयुक्तता परीक्षा में लिखित तथा मौखिक (एक ही दिन में ली जाएंगी) परीक्षा शामिल हैं। जबकि पूर्ववत ग्रुप डी के पदों के लिए केवल मौखिक परीक्षा ली जाती है। दर्शाए गए एनैक्सचर में हाई स्कूल के स्तर का सैंपल देखा जा सकता है। ग्रैजुएट स्तर के लिए परीक्षा का स्तर उंचा होगा।
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★ अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति हेतु घटना के घटित होने की तिथि से नियुक्ति के लिए पात्र व्यक्ति को दी जाने वाली सामान्य समय-सीमा 5 वर्ष है।
अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति हेतु सक्षम प्राधिकारी द्वारा 5 वर्ष की अवधि में छूट दी जा सकती है, बशर्ते की निम्नलिखित बातें शामिल हों -
1. मृत्यु की तारीख से यह मामला 25 वर्ष से अधिक समय का नहीं होना चाहिए।
2. मृतक कर्मचारी की विधवा/विधुर पुनर्विवाहित न हो।
3. अनुकंपा के आधार पर दी जाने वाली नियुक्ति किसी भी समय, परिवार के किसी अन्य सदस्य को नहीं दी गई हो ।
4. केस की परिस्थितियों के अनुसार, पांच वर्ष की समय-सीमा की छूट अनिवार्य है।