Physics, asked by Pratyushsharma223, 7 months ago

न्यूटन के गति का नियम लिखो हिंदी में​

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Answered by sumit5124
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Answer:

न्यूटन के गति के नियम भौतिक विज्ञान के अंतर्गत आनेवाले तीन सबसे अहम नियम हैं। न्यूटन लॉ किसी वस्तु पर लगने वाले बल और उस बल के कारण वस्तु की गति में हुए परिवर्तन के बीच सम्बन्ध बताते हैं।

न्यूटन ने गति के तीन नियम दिए है, जो इस प्रकार हैं।

न्यूटन का पहला नियम – “सभी वस्तुएँ अपनी अवस्था परिवर्तन का विरोध करती हैं।”

न्यूटन का दूसरा नियम – “किसी वस्तु के संवेग मे आया बदलाव उस वस्तु पर आरोपित बल के समानुपाती होता है तथा समान दिशा में घटित होता हैं।”

न्यूटन का तीसरा नियम – प्रत्येक क्रिया के बराबर तथा उसके विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है।

Explanation:

न्यूटन के गति के प्रथम नियम की उदाहरण सहित व्याख्य - उदाहरण के द्वारा समझें

उदाहरण: जब कोई रूकी हुई गाड़ी अचानक चल पड़ती है तब उसमें बैठे यात्री पीछे की ओर झुक जाते है तथा इसके ठीक विपरीत जब कोई चलती हुई गाडी अचानक रूक जाती है तब उसमें बैठे यात्री आगे की ओर झुक जाते हैं।

जब हम किसी कार में यात्रा करते हैं तो चलती हुई कार के सापेक्ष हमारा शरीर गति की अवस्था में रहता हैं। परन्तु जब ब्रेक लगाया जाता है तो गाड़ी के साथ-साथ सीट भी विराम अवस्था में आ जाता है, परन्तु हमारा शरीर जड़त्व के कारण गतिज अवस्था में ही बना रहना चाहता हैं। इसलिए हमारा शरीर ब्रेक लगने पर आगे की तरफ तेजी से झुकता हैं।

न्यूटन के गति के द्वितीय नियम की उदाहरण सहित व्याख्या - उदाहरण के द्वारा समझें

उदाहरण: क्रिकेट खिलाड़ी तेजी से आती हुई गेंद को पकड़ते समय अपने हाथों को पीछे की ओर खीच लेते है, ताकि गेंद का वेग कम किया जा सके। इससे कम चोट लगती हैं।

तेज घुमती गेंद में उसके वेग के कारण संवेग की मात्रा अधिक होती हैं। इसलिए, गेंद में काफी बल होता है, गेंद पकड़ के हाथ पीछे खींचने से गेंद में संवेग परिवर्तन की दर कम हो जाती हैं। इस कारण तेज गति से आ रही गेंद का प्रभाव हाथ पर कम पड़ता हैं।

न्यूटन के गति के तृतीय नियम की उदाहरण सहित व्याख्या – उदाहरण के द्वारा समझें

उदाहरण – १: बन्दूक से जब गोली निकलती है तब चलाने वाले को पीछे की ओर धक्का लगता हैं। यदि बन्दूक ठीक से न पकड़े तो कलाई टूट सकती हैं।

उदाहरण – २: पानी में खड़े नाव पर से जब जमीन पर कूदा जाता है तो नाव पीछे की ओर हट जाती हैं।

Answered by ashishsahoo62
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Explanation:

प्रथम नियम: प्रत्येक पिण्ड तब तक अपनी विरामावस्था में अथवा सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में रहता है जब तक कोई बाह्य बल उसे अन्यथा व्यवहार करने के लिए विवश नहीं करता। इसे जड़त्व का नियम भी कहा जाता है।

द्वितीय नियम: किसी भी पिंड की संवेग परिवर्तन की दर लगाये गये बल के समानुपाती होती है और उसकी (संवेग परिवर्तन की) दिशा वही होती है जो बल की है।

f=mv-mu/t =m(v-u)/t=ma

f=mv-mu/t

f=m(v-u)/t

F = ma

f:-बल (न्यूटन or केजी x मीटर/सेक x सेक),m:-वजन,a:-त्वरण

तृतीय नियम: प्रत्येक क्रिया की सदैव बराबर एवं विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है।

सबसे पहले न्यूटन ने इन्हे अपने ग्रन्थ फिलासफी नेचुरालिस प्रिंसिपिआ मैथेमेटिका (सन १६८७) में संकलित किया था।[5] न्यूटन ने अनेक स्थानों पर भौतिक वस्तुओं की गति से सम्बन्धित समस्याओं की व्याख्या में इनका प्रयोग किया था। अपने ग्रन्थ के तृतीय भाग में न्यूटन ने दर्शाया कि गति के ये तीनों नियम और उनके सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम सम्मिलित रूप से केप्लर के आकाशीय पिण्डों की गति से सम्बन्धित नियम की व्याख्या करने में समर्थ हैं।

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