न्याय का क्या अभिप्राय है ?न्याय संबंधी अवधारणा के विकास को स्पष्ट कीजिए
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उसके अनुसार न्याय का अर्थ है—'अपने कथन और कर्म में सच्चा रहना तथा मनुष्यों एवं देवताओं के प्रति ऋण चुकाना. ' सुकरात इस परिभाषा से संतुष्ट नहीं होता. उसके अनुसार सत्य सापेक्षिक होता है. ... इसलिए केफलस के विचारों की आलोचना वह यह कहकर करता है कि विशेष परिस्थितियों में सत्य और समुचित व्यवहार को न्याय माना जा सकता
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