नियम के कितने अंग हैं
Answers
¿ नियम के कितने अंग हैं ?
✎... योग के संदर्भ में नियम अष्टांग योग के अंग है, और नियम के 5 अंग होते हैं, जो कि इस प्रकार हैं...
- शौच
- संतोष
- तप
- स्वाध्याय
- ईश्वर ध्यान
शौच : शौच से तात्पर्य शरीर की बाहरी और आंतरिक रूप से स्वच्छता और पवित्रता से है। बाहरी रूप शरीर की नियमित साफ-सफाई जैसे स्नान, मार्जन, शौच का पालन करके की जाती है, जबकि आंतरिक स्वच्छता से तात्पर्य काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार आदि जैसे दुर्गुणों का त्याग करने से है।
संतोष : संतोष से तात्पर्य अपने परिश्रम से प्राप्त धन अर्जित करके संतोष पूर्वक जीवन व्यतीत करने से है, जिसमें अपनी आवश्यकता से अधिक धन की आकांक्षा नहीं रखना और पराये धन पर कुदृष्टि नहीं डालने से है। जितना मिला है उसी में खुश रहना ही संतोष है।
तप : तप से तात्पर्य जीवन की विपरीत परिस्थितियों को दृढ़ता पूर्वक सहने से है, जिसमें सुख-दुख, भूख-प्यास, मान-अपमान आदि को सहते हुए हम परिस्थिति को समान भाव से ग्रहण करना ही तप है। मन की चंचल वृतियों पर अंकुश लगाना और इंद्रिय संयम करना तप के अंतर्गत आता है।
स्वाध्याय : स्वाध्याय से तात्पर्य स्वयं आत्मज्ञान करना, स्वयं को समझना और ज्ञान प्राप्ति के लिए, ईश्वर को समझने के लिए अधिक से अधिक चिंतन मनन करना, ग्रंथों का अध्ययन करना, नियमित पाठ पठन करना आदि से है।
ईश्वर ध्यान : ईश्वर ध्यान से तात्पर्य अपने मन की शांति के लिए ईश्वर को अपना मान कर उसी का नियमित ध्यान करना ही ईश्वर ध्यान से है।
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○