नियमित व्यायाम का महत्व बताते हुए छोट
भाई को एक पत्र लिखिए l
Answers
Explanation:
405, कृष्णा नगर,
फगवाड़ा
16 मई, 2011
प्रिय महेश,
शुभाशीष।
कल पूज्य माता जी का पत्र मिला। उसमें उन्होंने लिखा है कि आजकल तुम्हारा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता तथा उसका कारण बी तुम स्वयं हो।।
तुम्हें मालूम नहीं कि अच्छा स्वास्थ्य विद्यार्थी के लिए कितना महत्त्वपूर्ण है। अच्छे स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन एवं मस्तिष्क का वास होता है। किसी ने ठीक ही कहा है- पहला सुख नीरोगी काया। यदि स्वास्थ्य ही ठीक नहीं है, तो स्वास्थ्य मस्तिष्क का होना असम्भव है। मुझे पता चला है कि आजकल तुम देर से उठते हो तथा तुमने व्यायाम करना भी छोड़ दिया है। शरीर को चुस्त एवं फुर्तीला बनाने के लिए व्यायाम बहुत आवश्यक है। व्यायाम करने से न केवल शरीर में स्फूर्ति आती है, बल्कि रक्तका संचार भी बढ़ जाता है और आलस्य दूर हो जाता है। मन
खिल उठता है। मस्तिष्क तेज होता है जिससे स्मरण शक्ति बढ़ती है और शरीर की मांसपेशियां बनती हैं। व्यायाम करने वाला विद्यार्थी परीक्षा में कभी असफल नहीं होता क्योंकि न तो आलस्य आता है और न ही वह पढ़ने से जी चुराता है। अतः मेरी मानो और प्रात:काल जल्दी उठकर प्रात:भ्रमण किया करा।
मुझे पूरी आशा है कि तुम मेरे आदेश का पालन करोगे। नित्य प्रातः उठकर सैर के लिए जाया करोगे। शेष सब कुशल है।
तुम्हारा बड़ा भाई,
सुरेश।
hope it will help to you