नियति के कार्यकलाप कैसे चलती है
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- ईश्वर या प्रकृति का विधान जो पहले से नियत होता है और जिसके अनुसार सब कार्य अपने समय पर बिना किसी व्यतिक्रम के और अवश्यम्भावी रूप से आप से आप होते चलते हैं। डेस्टिनी प्रारब्ध या भाग्य जो उक्त का अथवा पूर्वकाल में अपने किये हुए कर्मों का परिणाम या फल माना जाता है और जिस पर मनुष्य का कोई वश नहीं चलता।
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