Hindi, asked by sunilsingjmarkaam, 6 hours ago

नभ में पांती-बँधे बगुलों के पंख,
चुराए लिए जातीं वे मेरी आँखें।
कजरारे बादलों की छाई नभ छाया,
तैरती साँझकी सतेज श्वेत काया।
क) 'पाँती बँधे बगुलों' का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
(ख) बगुलों के पंख के शिल्प पक्ष का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
(क) 'दिन जल्दी-जल्दी ढलता है' कविता में बच्चों की प्रत्याशा को कवि ने किस
प्रकार प्रस्तुत किया है?
(ख) कवितावली में उद्धृत छंदों के आधार पर स्पष्ट करें कि तुलसीदास को अपने
युग की आर्थिक विषमता की अच्छी समझ है।
अधोलिखित गद्यांश को पढ़कर सम्बन्धित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
12-
सफिया ने हैंडबैग मेज पर रख दिया और नमक की पडिया निकाल​

Answers

Answered by lakraavinash538
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Answer:

pati badh bagulog ka sodarya

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