Hindi, asked by sdevi41192, 4 months ago

नभ में उग आई लो,रंग-भरी रेखा एकटेढ़ी-सी.
जिसको हम इंद्रधनुष कहते हैं.
उमड़-घुमड़ कर अभी
बादल ये बरसे हैं,
महक उठी धरती
और फूल-पत्ती-पौधे
सब सरसे हैं.
जीवन में इसी तरह
दुख की घटाओं का अंधेरा है
इसके भी पीछे शायद
रंगों का घेरा है.
एक इसी आशा के तर्क पर
दुख और दाह हम सहते हैं,
जीवन में इसी आकर्षण को
इंद्रधनुष कहते हैं.
(क) कवि का जीवन के प्रति दृष्टिकोण क्या है ?

Answers

Answered by shishir303
1

नभ में उग आई लो,रंग-भरी रेखा एकटेढ़ी-सी.

जिसको हम इंद्रधनुष कहते हैं.

उमड़-घुमड़ कर अभी

बादल ये बरसे हैं,

महक उठी धरती

और फूल-पत्ती-पौधे

सब सरसे हैं.

जीवन में इसी तरह

दुख की घटाओं का अंधेरा है

इसके भी पीछे शायद

रंगों का घेरा है.

एक इसी आशा के तर्क पर

दुख और दाह हम सहते हैं,

जीवन में इसी आकर्षण को

इंद्रधनुष कहते हैं.

(क) कवि का जीवन के प्रति दृष्टिकोण क्या है ?

✎... कवि का जीवन के प्रति दृष्टिकोण आशावादी है। कवि ने इंद्रधनुष का उदाहरण देते हुए जीवन का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। जिस तरह इंद्रधनुष में अनेक रंग होते हैं। इसी तरह जीवन में भी सुख-दुख, आशा-निराशा, सफलता-असफलता जैसे अनेक रंग होते हैं। इन्हीं सभी रंगों से गुजर कर ही मिलकर ही इंद्रधनुष रुपी जीवन बनता है। जीवन में जहाँ दुख आता है, वहाँ सुख भी आएगा। इसीलिए कवि का जीवन के प्रति दृष्टिकोण आशावादी है।

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Answered by anupamakiro179
0

कवि ने बादलों की तुलना किससे की है

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