Hindi, asked by Rekha051, 1 year ago

nadi ki atamkatha in 200 words

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Answered by Sukhveerkaur
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Nadi ki Atmakatha Essay in Hindi – नदी की आत्मकथा पर निबंध

By admin Hindi Nibandh  0 Comments

दोस्तो आज हमने Nadi ki Atmakatha Essay in Hindi लिखा है नदी की आत्मकथा पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है. इस निबंध की सहायता से विद्यार्थियों को नदी के उद्गम से लेकर नदी के समुद्र में मिलने तक की आत्मकथा देखने को मिलेगी.

इस लेख की सहायता से हम पता लगा सकते हैं कि नदी किस प्रकार हमारे जीवन को सरल बनाती है और पृथ्वी के प्रत्येक प्राणी का जीवन कैसे बचाती है. नदी अपनी व्यथा भी सुनाती है क्योंकि मनुष्य द्वारा नदी को दिन-प्रतिदिन प्रदूषित किया जा रहा है.

Nadi ki Atmakatha Essay in Hindi for Class 1,2,3,4,5

मैं नदी हूं आज मैं मेरी आत्मकथा सुनाने जा रही हूं मेरा उद्गम स्थान ऊंचे पहाड़ झरने और हिमालय से बर्फ पिघलने के कारण मैं अस्तित्व में आती हूं.

मैं जब हिमालय से चलती हूं तब मैं बहुत ही पतली और मुझ में पानी भी बहुत कम होता है लेकिन जैसे-जैसे में मैदानी क्षेत्रों की तरफ बढ़ती हुई मेरे पानी का स्तर बढ़ जाता है और मैं चोड़ी भी होती जाती हूं.



भारत में मेरे जैसी कई नदियां बहती हैं जैसे गंगा, यमुना,सिंधु, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी,नर्मदा आदि है यह मेरे जैसी ही विशाल है.

मैं जहां से भी निकलती हूं उस क्षेत्र को हरा-भरा बना देती हूं और वहां अगर बंजर भूमि भी है तो उसको भी उपजाऊ बना देती हूं.

यह भी पढ़ें – Phool ki Atmakatha in Hindi Essay – फूल की आत्मकथा पर निबंध

मैं जब बहना शुरू करती हूं तब मेरे आगे कई कठिनाइयां आती हैं जैसे ऊंचे पहाड़ बड़े-बड़े पेड़-पौधे आदि लेकिन मैं उन सबको काटते हुए निरंतर बहती रहती हूं मैं कभी हार नहीं मानती हूं.

मैं कई सालों तक निरंतर अपने पथ पर बहती रहती हूं लेकिन कभी-कभी धरती में भूकंप आने के कारण कुछ स्थान ऊंचे हो जाते हैं तो मैं भी अपना रास्ता बदल लेती हैं लेकिन यह हजारों सालों में एक बार ही होता है.

मैं जहां से भी बैठी हूं उसके आसपास इंसानी बस्तियां और जंगली जीव जंतु अपना घर बना लेते हैं क्योंकि मेरे जैसे ही उनका जीवन चलता है.

मैं हमेशा सभी प्राणियों का भला करती हूं लेकिन बदले में मुझे इंसानों द्वारा सिर्फ प्रदूषण ही मिलता है इस बात का मुझे बहुत दुख होता है क्योंकि मेरा पवित्र और शुद्ध जल प्रदूषित हो जाता है जिसके कारण कई मूक प्राणियों की मृत्यु हो जाती है.

मुझमें कहीं जल अधिक होता है तो कहीं कम होता है वर्षा के मौसम में मुझ में अधिक पानी होता है और मैं उस समय बहुत तेजी से बहती हूं. मैं बहती हुई अंत में समुंदर में जा कर मिल जाती हूं.

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Rekha051: Thanks for answer
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