India Languages, asked by suchitdavda7, 10 months ago

Nadi ni atmakhta essay

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Answered by fashionofpalika321
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hello mates⚘

भूमिका :

 नदी प्रकृति के जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसकी गति के आधार पर इसके बहुत नाम जैसे – नहर, सरिता, प्रवाहिनी, तटिनी, क्षिप्रा आदि होते हैं। जब मैं सरक-सरक कर चलती थी तब सब मुझे सरिता कहते थे। जब मैं सतत प्रवाहमयी हो गई तो मुझे प्रवाहिनी कहने लगे।

नदी का जन्म : 

मैं एक नदी हूँ और मेरा जन्म पर्वतमालाओं की गोद से हुआ है। मैं बचपन से ही बहुत चंचल थी। मैंने केवल आगे बढना सीखा है रुकना नहीं। मैं एक स्थान पर बैठने की तो दूर की बात है मुझे एक पल रुकना भी नहीं आता है। मेरा काम धीरे-धीरे या फिर तेज चलना है लेकिन मै निरंतर चलती ही रहती हूँ। मैं केवल कर्म में विश्वास रखती हूँ लेकिन फल की इच्छा कभी नहीं करती हूँ। मैं अपने इस जीवन से बहुत खुश हूँ क्योंकि मैं हर एक प्राणी के काम आती हूँ, लोग मेरी पूजा करते हैं, मुझे माँ कहते हैं, मेरा सम्मान करते है।

नदी का घर त्यागना : 

मेरे लिए पर्वतमालाएं ही मेरा घर थी लेकिन मैं वहाँ पर सदा के लिए नहीं रह सकती हूँ। जिस तरह से एक लडकी हमेशा के लिए अपने माता-पिता के घर पर नहीं रह सकती उसे एक-न-एक दिन माता-पिता का घर छोड़ना पड़ता है उसी तरह से मैं इस सच्चाई को जानती थी और इसी वह से मैंने अपने माँ-बाप का घर छोड़ दिया।

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